Contact Form

Name

Email *

Message *

Like Us Fanpage

loading...

Recent Post

    Infolinks text ads

    ट्विंकल खन्ना बोलीं- धर्म के नाम पर किया गया भेदभाव मानवता के बुनियादी अधिकारों के खिलाफ है

    नागरिकता संशोधन बिल (CAB) का विरोध बड़े पैमाने पर हो रहा है। अब मशहूर अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना ने नागरिकता संशोधन बिल की ओर इशारा करते हुए कहा कि, “नस्ल, रंग, जाति, धर्म या किसी अन्य आधार पर किया गया भेदभाव मानवता के बुनियादी नैतिक अधिकारों के खिलाफ है।”
    Discrimination based on race, colour, caste, religion and other such social constructs in whatever form, goes against the fundamental moral integrity of the human condition.
    7,010 people are talking about this

    भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शनों हो रहे हैं। असम में कई जगहों पर आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं। बता दें कि सरकार कह रही है कि पूर्वोत्तर राज्यों के लोग इस बिल का समर्थन कर रहे हैं। वहीं सरकार ने कई राज्यों में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।
    बता दें कि कन्हैया कुमार के अलावा सोमवार को बिल को वापस लिए जाने की मांग करने वालों में तीन प्रमुख शोध संस्थान भी आए थे। इनमें टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फनडामेंटल रिसर्च के संदीप त्रिवेदी, सैद्धांतिक विज्ञान के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के राजेश गोपकुमार और सैद्धांतिक भौतिकी के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के आतिश दाभोलकर शामिल हैं।
    इनके साथ ही बिल का विरोध करने वाले स्कॉलर्स की सूची में अकादमिक जोया हसन और इतिहासकार हरबंस मुखिया के नाम भी शामिल हैं। इन लोगों ने एक बयान जारी कर कहा है कि ये बिल धर्म के आधार पर लोगों को नागरिकता प्रदान करता है, जो कि बेहद ख़तरनाक है। ये बिल पूरी तरह से मुस्लिम विरोधी है।

    नागरिकता संशोधन बिल (CAB) का विरोध बड़े पैमाने पर हो रहा है। अब मशहूर अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना ने नागरिकता संशोधन बिल की ओर इशारा करते हुए कहा कि, “नस्ल, रंग, जाति, धर्म या किसी अन्य आधार पर किया गया भेदभाव मानवता के बुनियादी नैतिक अधिकारों के खिलाफ है।”
    Discrimination based on race, colour, caste, religion and other such social constructs in whatever form, goes against the fundamental moral integrity of the human condition.
    7,010 people are talking about this

    भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शनों हो रहे हैं। असम में कई जगहों पर आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं। बता दें कि सरकार कह रही है कि पूर्वोत्तर राज्यों के लोग इस बिल का समर्थन कर रहे हैं। वहीं सरकार ने कई राज्यों में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।
    बता दें कि कन्हैया कुमार के अलावा सोमवार को बिल को वापस लिए जाने की मांग करने वालों में तीन प्रमुख शोध संस्थान भी आए थे। इनमें टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फनडामेंटल रिसर्च के संदीप त्रिवेदी, सैद्धांतिक विज्ञान के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के राजेश गोपकुमार और सैद्धांतिक भौतिकी के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के आतिश दाभोलकर शामिल हैं।
    इनके साथ ही बिल का विरोध करने वाले स्कॉलर्स की सूची में अकादमिक जोया हसन और इतिहासकार हरबंस मुखिया के नाम भी शामिल हैं। इन लोगों ने एक बयान जारी कर कहा है कि ये बिल धर्म के आधार पर लोगों को नागरिकता प्रदान करता है, जो कि बेहद ख़तरनाक है। ये बिल पूरी तरह से मुस्लिम विरोधी है।

    0 Comments